Tuesday 13 September 2016

खीरगंगा ने कैसे मुझे आम इंसान से ट्रेकर और घुम्मकड़ बना दिया ?


मैं एक मरे हुए मानव की तरह एक कमरे  में जिए  जा रहा था, लेकिन अब मुझे एक पंछी की तरह लग रहा है  , मैं आकाश को छू सकता हूँ। 
मैं कमरे  से बाहर हूँ क्योंकि मैं अभी मरा नहीं हूं। अब मैं एक ट्रैकर  और यात्री होने के अपने सपने पीछा कर रहा हूँ लेकिन सवाल यह है कि कैसे यह वास्तव में शुरू कैसे हुआ ?


फ़्लैश बैक - 5 महीने पहले मैं दिल्ली, पूरी तरह से उदास , विश्वविद्यालय में मेरे अंतिम  वर्ष परीक्षा दे रहा था, लगभग मर चुका था।  अचानक मेरे दोस्त से एक ने मुझे खीरगंगा ट्रैकिंग  के लिए सुझाव दिया ।
ईमानदारी से उस समय  मैं इस जगह के बारे में कुछ  नहीं जानता था।  मुझे  सिर्फ इस गन्दी  जगह से बाहर जाना था।  मैं सवालो से  थक गया था।  मैं सब कुछ से  थक गया था।
सोसायटी  समय का एक बहुत बड़ा  झूठ  है और मैं एक मूर्ख हूँ  जो उनके जाल में फंस गया था। छोड़िये आगे फिर हम कसोल , मणिकरण के लिए निकल लिए  और उसके बाद अगले दिन हम खीरगंगा ट्रैकिंग  करने के लिए चला पड़े । उस समय मैं ट्रेकिंग के बारे में ज्यादा कुछ नही जानता था पर इसमे बहुत  मज़ा था । मेरा कहने का मतलब है की जैसे जैसे आप आगे बढ़ते जायेंगे आपको अपने सभी सवालो का जवाब मिलता जाएगा और इसके साथ आपको अपने बारे में भी एहसास होगा की आप कौन हो। 
इस जगह ने मुझे इतनी ख़ुशी दी कि मुझे पहाड़ो पर चढ़ने (ट्रैकिंग ) से बहोत ज्यादा लगाव हो गया था। परन्तु उस समय तक भी मुझे एहसास नही था की ये सफर मेरी जिंदगी को इतना बदल देगा।


                         

जब में खीरगंगा आया तो मुझे इस ट्रेक बारे में कुछ भी नही पता था। पर मुझे इस बात का भी अंदाजा  नही था कि इस ट्रेक के बाद 2 महीने के भीतर में 2 और ट्रेक पुरे कर दूंगा जो मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी।  
हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के बाद अगर कोई जगह मुझे पसंद है  तो वो है पार्वती घाटी। मुझे भीड़भाड़ वाली जगह पर घूमना बिलकुल पसंद नही है क्योंकि वँहा की सारी सुंदरता घूमने वाले पर्यटको द्वारा खराब की जा चुकी होती है और इसके लिए में हमारे इंडिया के कुछ ठेठ पर्यटको का बहुत शुक्रगुजार हूँ और ऐसी वजह से मुझे ट्रैकिंग पर जाना अच्छा लगता है क्योंकि ट्रैकिंग करना हर किसी की बस की बात नही है और जो शांति और सुंदरता आपको वँहा मिलेगी उसकी तुलना आप किसी और शहर  से कर ही नही सकते। 









 खीरगंगा सिर्फ एक जगह नही है जबकि  ये वो  आध्यात्मिक जगह है जो आपको आपकी अन्तरआत्मा  से जोड़ती है।

और सबसे अहम् बात ये ट्रेक सिर्फ आखरी स्थान मतलब खीरगंगा पँहुचना  नही है जबकि इसकी  सुंदरता यंहा तक पहुचने वाले रस्ते में है।
कभी कभी रास्ता पहुचने वाली जगह से ज्यादा सुन्दर होता है और इसका सबसे अच्छा उदाहरण खीरगंगा है।
रास्ते में आप बहुत  सारे  झरनों ,बहुत ही ज्यादा हरियाली  और लकड़ी के प्यारे और छोटे पुलो को पार करेंगे।
इस ट्रैकिंग का सबसे अच्छा हिस्सा है पार्वती नदी की भयंकर आवाज जो आपको एहसास करवाती है की आप मजबूत हो और साथ में ये भी याद दिलाती है की पर्वत आपसे कही ज्यादा मजबूत है।

"तो लामा की धरती पर गामा बनने की कोशिश मत करे "                              (वास्को -डी -गामा )



















 खीरगंगा की ट्रैकिंग 12 km की है जो बरशैणी से शुरू होती है।  खीरगंगा तक पहुचने में मुश्किल से 4 से 5 घंटे लगते है। अब खीरगंगा का  व्यवसायीकरण हो चूका है तो आपको ऊपर सब को मिलेगा जैसेकि खाना , रहने के लिए गेस्ट हाउस , वाशरूम वगैरह। परन्तु ये सब आपको तभी आसानी से मिलेगा अगर आप शाम 5 बजे से पहले ऊपर पहुच जाओगे और इसके लिए जरूरी है की आप सुबह जल्दी ट्रैकिंग शुरू करे और मौसम का जरूर ध्यान रखें।
खीरगंगा पिन पार्वती पास  ट्रेक का बेस पॉइंट है परन्तु फिर भी ये जगह बहुत ही ज्यादा सुन्दर और मनमोहक है। तो जल्दी से प्लान बनाओ  और ये सब कुछ खुद ही महसूस करो।

अगर आप खीरगंगा का ट्रेक सस्ते में सबसे अच्छे तरीके से करना चाहते हो तो हमारा ये विडियो क्लिप जरूर देखे और  अगर आपको अच्छा लगे तो आगे भी शेयर करे  और  हमारे चैनल को सब्सक्राइब करे 


हमारे अन्य ब्लोग और सस्ते में घूमने के तरीके जानने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे https://www.facebook.com/Cheaptravel95/ 






          हमारे ब्लॉग को पढ़ने का बहुत-बहुत धन्यवाद 


  








1 comment: